K2-18b planet in Hindi की बात करें तो यह ग्रह वैज्ञानिकों को इसलिए आकर्षित करता है क्योंकि इसमें पृथ्वी जैसी कई खासियतें पाई गई हैं। इसका वातावरण, पानी की मौजूदगी और इसकी स्थितियां इसे पृथ्वी जैसा बनाती हैं। यह एक ऐसा ग्रह है जो अपने तारे के “habitable zone” में स्थित है, यानी जहां तापमान जीवन के लिए अनुकूल हो सकता है।

क्या K2-18b पर जीवन संभव है?
वैज्ञानिकों के अनुसार, K2-18b planet in Hindi को जीवन की संभावना वाले ग्रहों में गिना जा रहा है। हाल ही में हुए शोध में इसके वातावरण में कुछ ऐसे अणु पाए गए हैं जो जैविक गतिविधियों से जुड़े हो सकते हैं। हालांकि, जीवन जैसा हम पृथ्वी पर जानते हैं, वैसा वहां है या नहीं, यह अब भी शोध का विषय बना हुआ है।
K2-18b का आकार, द्रव्यमान और कक्षा वातावरण कैसा है?
K2-18b का वातावरण हाईड्रोजन-समृद्ध है जिसमें पानी की भाप और कुछ कार्बन-बेस्ड अणु पाए गए हैं। यह वातावरण पृथ्वी से काफी अलग है, लेकिन जीवन की संभावना को खारिज नहीं करता। K2-18b planet in Hindi में वैज्ञानिकों को जो सबसे खास बात लगी, वो है इसके वातावरण में पाए गए जैवसंकेत (biosignatures)।
K2-18b पृथ्वी से लगभग 2.6 गुना बड़ा है और इसका द्रव्यमान पृथ्वी से लगभग 8.6 गुना अधिक है। यह एक “Super Earth” या “Mini Neptune” की श्रेणी में आता है। यह ग्रह अपने तारे K2-18 (एक रेड ड्वार्फ तारा) के चारों ओर लगभग 33 दिनों में एक चक्कर पूरा करता है।
2019 में वैज्ञानिकों ने पहली बार K2-18b के वातावरण में पानी की भाप की मौजूदगी की पुष्टि की थी। यह खोज बेहद महत्वपूर्ण थी क्योंकि किसी भी exoplanet के वातावरण में पहली बार पानी के अणु मिले थे और यह जीवन की संभावना को दर्शाने वाला संकेत माना गया।
K2-18b पर वैज्ञानिकों की राय
क्या हम भविष्य में K2-18b पर जा सकेंगे?
K2-18b पृथ्वी से लगभग 120 प्रकाश वर्ष दूर है, जो आज की तकनीक से बेहद दूर है। फिलहाल वहां जाना असंभव है, लेकिन भविष्य में अगर अंतरिक्ष यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव होते हैं, तो यह सपना भी एक दिन सच हो सकता है। फिलहाल, टेलीस्कोप और रोबोटिक मिशन ही हमारी आंखें हैं।
K2-18b से जुड़े रोचक तथ्य
- K2-18b की खोज 2015 में Kepler Space Telescope ने की थी।
- यह ग्रह कन्या (Virgo) नक्षत्र में स्थित है।
- इसके वातावरण में मीथेन और डाइमेथाइल सल्फाइड जैसे अणु मिले हैं जो जैविक गतिविधियों से जुड़े हो सकते हैं।
- यह पहला ऐसा एक्सोप्लैनेट है जिसके वातावरण में पानी और बायोसिग्नेचर दोनों मिले हैं।
K2-18b और अन्य जीवनयोग्य ग्रहों की तुलना
अगर हम K2-18b की तुलना अन्य जीवनयोग्य ग्रहों जैसे Proxima b या TRAPPIST-1 ग्रहों से करें, तो इसकी खास बात यह है कि इसके वातावरण का विश्लेषण सीधे तौर पर किया गया है। इससे यह K2-18b planet in Hindi को खगोलविदों के लिए एक स्पेशल ग्रह बनाता है।
निष्कर्ष – K2-18b क्यों है खगोल विज्ञान के लिए खास?
K2-18b planet in Hindi न केवल वैज्ञानिकों के लिए उत्साह का विषय है बल्कि यह हमारे जैसे ग्रहों की खोज में एक मील का पत्थर है। इसकी बनावट, वातावरण और पानी की मौजूदगी इसे एक संभावित “दूसरी पृथ्वी” के रूप में प्रस्तुत करती है। अगर हम भविष्य में कहीं जीवन की उम्मीद कर सकते हैं, तो K2-18b जरूर उस सूची में सबसे ऊपर होगा।